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Vedic Science

Hindi / Deutsch

प्राचीनकाल की महत्वपूर्ण पुस्तकें
1-अष्टाध्यायी पाणिनी
2-रामायण वाल्मीकि
3-महाभारत वेदव्यास
4-अर्थशास्त्र चाणक्य
5-महाभाष्य पतंजलि
6-सत्सहसारिका सूत्र नागार्जुन
7-बुद्धचरित अश्वघोष
8-सौंदरानन्द अश्वघोष
9-महाविभाषाशास्त्र वसुमित्र
10- स्वप्नवासवदत्ता भास
11-कामसूत्र वात्स्यायन
12-कुमारसंभवम् कालिदास
13-अभिज्ञानशकुंतलम् कालिदास
14-विक्रमोउर्वशियां कालिदास
15-मेघदूत कालिदास
16-रघुवंशम् कालिदास
17-मालविकाग्निमित्रम् कालिदास
18-नाट्यशास्त्र भरतमुनि
19-देवीचंद्रगुप्तम विशाखदत्त
20-मृच्छकटिकम् शूद्रक
21-सूर्य सिद्धान्त आर्यभट्ट
22-वृहतसिंता बरामिहिर
23-पंचतंत्र। विष्णु शर्मा
24-कथासरित्सागर सोमदेव
25-अभिधम्मकोश वसुबन्धु
26-मुद्राराक्षस विशाखदत्त
27-रावणवध। भटिट
28-किरातार्जुनीयम् भारवि
29-दशकुमारचरितम् दंडी
30-हर्षचरित वाणभट्ट
31-कादंबरी वाणभट्ट
32-वासवदत्ता सुबंधु
33-नागानंद हर्षवधन
34-रत्नावली हर्षवर्धन
35-प्रियदर्शिका हर्षवर्धन
36-मालतीमाधव भवभूति
37-पृथ्वीराज विजय जयानक
38-कर्पूरमंजरी राजशेखर
39-काव्यमीमांसा राजशेखर
40-नवसहसांक चरित पदम् गुप्त
41-शब्दानुशासन राजभोज
42-वृहतकथामंजरी क्षेमेन्द्र
43-नैषधचरितम श्रीहर्ष
44-विक्रमांकदेवचरित बिल्हण
45-कुमारपालचरित हेमचन्द्र
46-गीतगोविन्द जयदेव
47-पृथ्वीराजरासो चंदरवरदाई
48-राजतरंगिणी कल्हण
49-रासमाला सोमेश्वर
50-शिशुपाल वध माघ
51-गौडवाहो वाकपति
52-रामचरित सन्धयाकरनंदी
53-द्वयाश्रय काव्य हेमचन्द्र
वेद-ज्ञान:-
प्र.1- वेद किसे कहते है ?
उत्तर- ईश्वरीय ज्ञान की पुस्तक को वेद कहते है।
प्र.2- वेद-ज्ञान किसने दिया ?
उत्तर- ईश्वर ने दिया।
प्र.3- ईश्वर ने वेद-ज्ञान कब दिया ?
उत्तर- ईश्वर ने सृष्टि के आरंभ में वेद-ज्ञान दिया।
प्र.4- ईश्वर ने वेद ज्ञान क्यों दिया ?
उत्तर- मनुष्य-मात्र के कल्याण के लिए।
प्र.5- वेद कितने है ?
उत्तर- चार ।
1-ऋग्वेद
2-यजुर्वेद
3-सामवेद
4-अथर्ववेद
प्र.6- वेदों के ब्राह्मण ।
वेद ब्राह्मण
1 - ऋग्वेद - ऐतरेय
2 - यजुर्वेद - शतपथ
3 - सामवेद - तांड्य
4 - अथर्ववेद - गोपथ
प्र.7- वेदों के उपवेद कितने है।
उत्तर - चार।
वेद उपवेद
1- ऋग्वेद - आयुर्वेद
2- यजुर्वेद - धनुर्वेद
3 -सामवेद - गंधर्ववेद
4- अथर्ववेद - अर्थवेद
प्र 8- वेदों के अंग हैं ।
उत्तर - छः ।
1 - शिक्षा
2 - कल्प
3 - निरूक्त
4 - व्याकरण
5 - छंद
6 - ज्योतिष
प्र.9- वेदों का ज्ञान ईश्वर ने किन किन ऋषियो को दिया ?
उत्तर- चार ऋषियों को।
वेद ऋषि
1- ऋग्वेद - अग्नि
2 - यजुर्वेद - वायु
3 - सामवेद - आदित्य
4 - अथर्ववेद - अंगिरा
प्र.10- वेदों का ज्ञान ईश्वर ने ऋषियों को कैसे दिया ?
उत्तर- समाधि की अवस्था में।
प्र.11- वेदों में कैसे ज्ञान है ?
उत्तर- सब सत्य विद्याओं का ज्ञान-विज्ञान।
प्र.12- वेदो के विषय कौन-कौन से हैं ?
उत्तर- चार ।
ऋषि विषय
1- ऋग्वेद - ज्ञान
2- यजुर्वेद - कर्म
3- सामवे - उपासना
4- अथर्ववेद - विज्ञान
प्र.13- वेदों में।
ऋग्वेद में।
1- मंडल - 10
2 - अष्टक - 08
3 - सूक्त - 1028
4 - अनुवाक - 85
5 - ऋचाएं - 10589
यजुर्वेद में।
1- अध्याय - 40
2- मंत्र - 1975
सामवेद में।
1- आरचिक - 06
2 - अध्याय - 06
3- ऋचाएं - 1875
अथर्ववेद में।
1- कांड - 20
2- सूक्त - 731
3 - मंत्र - 5977
प्र.14- वेद पढ़ने का अधिकार किसको है ? उत्तर- मनुष्य-मात्र को वेद पढ़ने का अधिकार है।
प्र.15- क्या वेदों में मूर्तिपूजा का विधान है ?
उत्तर- बिलकुल भी नहीं।
प्र.16- क्या वेदों में अवतारवाद का प्रमाण है ?
उत्तर- नहीं।
प्र.17- सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?
उत्तर- ऋग्वेद।
प्र.18- वेदों की उत्पत्ति कब हुई ?
उत्तर- वेदो की उत्पत्ति सृष्टि के आदि से परमात्मा द्वारा हुई । अर्थात 1 अरब 96 करोड़ 8 लाख 43 हजार वर्ष पूर्व ।
प्र.19- वेद-ज्ञान के सहायक दर्शन-शास्त्र ( उपअंग ) कितने हैं और उनके लेखकों का क्या नाम है ?
उत्तर-
1- न्याय दर्शन - गौतम मुनि।
2- वैशेषिक दर्शन - कणाद मुनि।
3- योगदर्शन - पतंजलि मुनि।
4- मीमांसा दर्शन - जैमिनी मुनि।
5- सांख्य दर्शन - कपिल मुनि।
6- वेदांत दर्शन - व्यास मुनि।
प्र.20- शास्त्रों के विषय क्या है ?
उत्तर- आत्मा, परमात्मा, प्रकृति, जगत की उत्पत्ति, मुक्ति अर्थात सब प्रकार का भौतिक व आध्यात्मिक ज्ञान-विज्ञान आदि।
प्र.21- प्रामाणिक उपनिषदे कितनी है ?
उत्तर- केवल ग्यारह।
प्र.22- उपनिषदों के नाम बतावे ?
उत्तर-
01-ईश ( ईशावास्य )
02-केन
03-कठ
04-प्रश्न
05-मुंडक
06-मांडू
07-ऐतरेय
08-तैत्तिरीय
09-छांदोग्य
10-वृहदारण्यक
11-श्वेताश्वतर ।
प्र.23- उपनिषदों के विषय कहाँ से लिए गए है ?उत्तर- वेदों से।प्र.24- चार वर्ण।उत्तर- 1- ब्राह्मण2- क्षत्रिय3- वैश्य4- शूद्रप्र.25- चार युग।1- सतयुग - 17,28000 वर्षों का नाम ( सतयुग ) रखा है।2- त्रेतायुग- 12,96000 वर्षों का नाम ( त्रेतायुग ) रखा है।3- द्वापरयुग- 8,64000 वर्षों का नाम है।4- कलयुग- 4,32000 वर्षों का नाम है।कलयुग के 4,976 वर्षों का भोग हो चुका है अभी तक।4,27024 वर्षों का भोग होना है। पंच महायज्ञ 1- ब्रह्मयज्ञ 2- देवयज्ञ 3- पितृयज्ञ 4- बलिवैश्वदेवयज्ञ 5- अतिथियज्ञस्वर्ग - जहाँ सुख है।नरक - जहाँ दुःख है।.*#भगवान_शिव के "35" रहस्य!!!!!!!!भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है।*🔱1. आदिनाथ शिव : -* सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है। 'आदि' का अर्थ प्रारंभ। आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम 'आदिश' भी है।*🔱2. शिव के अस्त्र-शस्त्र : -* शिव का धनुष पिनाक, चक्र भवरेंदु और सुदर्शन, अस्त्र पाशुपतास्त्र और शस्त्र त्रिशूल है। उक्त सभी का उन्होंने ही निर्माण किया था।*🔱3. भगवान शिव का नाग : -* शिव के गले में जो नाग लिपटा रहता है उसका नाम वासुकि है। वासुकि के बड़े भाई का नाम शेषनाग है।*🔱4. शिव की अर्द्धांगिनी : -* शिव की पहली पत्नी सती ने ही अगले जन्म में पार्वती के रूप में जन्म लिया और वही उमा, उर्मि, काली कही गई हैं।*🔱5. शिव के पुत्र : -* शिव के प्रमुख 6 पुत्र हैं- गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा। सभी के जन्म की कथा रोचक है।*🔱6. शिव के शिष्य : -* शिव के 7 शिष्य हैं जिन्हें प्रारंभिक सप्तऋषि माना गया है। इन ऋषियों ने ही शिव के ज्ञान को संपूर्ण धरती पर प्रचारित किया जिसके चलते भिन्न-भिन्न धर्म और संस्कृतियों की उत्पत्ति हुई। शिव ने ही गुरु और शिष्य परंपरा की शुरुआत की थी। शिव के शिष्य हैं- बृहस्पति, विशालाक्ष, शुक्र, सहस्राक्ष, महेन्द्र, प्राचेतस मनु, भरद्वाज इसके अलावा 8वें गौरशिरस मुनि भी थे।*🔱7. शिव के गण : -* शिव के गणों में भैरव, वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, जय और विजय प्रमुख हैं। इसके अलावा, पिशाच, दैत्य और नाग-नागिन, पशुओं को भी शिव का गण माना जाता है। *🔱8. शिव पंचायत : -* भगवान सूर्य, गणपति, देवी, रुद्र और विष्णु ये शिव पंचायत कहलाते हैं।*🔱9. शिव के द्वारपाल : -* नंदी, स्कंद, रिटी, वृषभ, भृंगी, गणेश, उमा-महेश्वर और महाकाल।*🔱10. शिव पार्षद : -* जिस तरह जय और विजय विष्णु के पार्षद हैं उसी तरह बाण, रावण, चंड, नंदी, भृंगी आदि शिव के पार्षद हैं।*🔱11. सभी धर्मों का केंद्र शिव : -* शिव की वेशभूषा ऐसी है कि प्रत्येक धर्म के लोग उनमें अपने प्रतीक ढूंढ सकते हैं। मुशरिक, यजीदी, साबिईन, सुबी, इब्राहीमी धर्मों में शिव के होने की छाप स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। शिव के शिष्यों से एक ऐसी परंपरा की शुरुआत हुई, जो आगे चलकर शैव, सिद्ध, नाथ, दिगंबर और सूफी संप्रदाय में वि‍भक्त हो गई।*🔱12. बौद्ध साहित्य के मर्मज्ञ अंतरराष्ट्रीय : -* ख्यातिप्राप्त विद्वान प्रोफेसर उपासक का मानना है कि शंकर ने ही बुद्ध के रूप में जन्म लिया था। उन्होंने पालि ग्रंथों में वर्णित 27 बुद्धों का उल्लेख करते हुए बताया कि इनमें बुद्ध के 3 नाम अतिप्राचीन हैं- तणंकर, शणंकर और मेघंकर।*🔱13. देवता और असुर दोनों के प्रिय शिव : -* भगवान शिव को देवों के साथ असुर, दानव, राक्षस, पिशाच, गंधर्व, यक्ष आदि सभी पूजते हैं। वे रावण को भी वरदान देते हैं और राम को भी। उन्होंने भस्मासुर, शुक्राचार्य आदि कई असुरों को वरदान दिया था। शिव, सभी आदिवासी, वनवासी जाति, वर्ण, धर्म और समाज के सर्वोच्च देवता हैं।*🔱14. शिव चिह्न : -* वनवासी से लेकर सभी साधारण व्‍यक्ति जिस चिह्न की पूजा कर सकें, उस पत्‍थर के ढेले, बटिया को शिव का चिह्न माना जाता है। इसके अलावा रुद्राक्ष और त्रिशूल को भी शिव का चिह्न माना गया है। कुछ लोग डमरू और अर्द्ध चन्द्र को भी शिव का चिह्न मानते हैं, हालांकि ज्यादातर लोग शिवलिंग अर्थात शिव की ज्योति का पूजन करते हैं।*🔱15. शिव की गुफा : -* शिव ने भस्मासुर से बचने के लिए एक पहाड़ी में अपने त्रिशूल से एक गुफा बनाई और वे फिर उसी गुफा में छिप गए। वह गुफा जम्मू से 150 किलोमीटर दूर त्रिकूटा की पहाड़ियों पर है। दूसरी ओर भगवान शिव ने जहां पार्वती को अमृत ज्ञान दिया था वह गुफा 'अमरनाथ गुफा' के नाम से प्रसिद्ध है।*🔱16. शिव के पैरों के निशान : -* श्रीपद- श्रीलंका में रतन द्वीप पहाड़ की चोटी पर स्थित श्रीपद नामक मंदिर में शिव के पैरों के निशान हैं। ये पदचिह्न 5 फुट 7 इंच लंबे और 2 फुट 6 इंच चौड़े हैं। इस स्थान को सिवानोलीपदम कहते हैं। कुछ लोग इसे आदम पीक कहते हैं।रुद्र पद- तमिलनाडु के नागपट्टीनम जिले के थिरुवेंगडू क्षेत्र में श्रीस्वेदारण्येश्‍वर का मंदिर में शिव के पदचिह्न हैं जिसे 'रुद्र पदम' कहा जाता है। इसके अलावा थिरुवन्नामलाई में भी एक स्थान पर शिव के पदचिह्न हैं।तेजपुर- असम के तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी के पास स्थित रुद्रपद मंदिर में शिव के दाएं पैर का निशान है।जागेश्वर- उत्तराखंड के अल्मोड़ा से 36 किलोमीटर दूर जागेश्वर मंदिर की पहाड़ी से लगभग साढ़े 4 किलोमीटर दूर जंगल में भीम के मंदिर के पास शिव के पदचिह्न हैं। पांडवों को दर्शन देने से बचने के लिए उन्होंने अपना एक पैर यहां और दूसरा कैलाश में रखा था।रांची- झारखंड के रांची रेलवे स्टेशन से 7 किलोमीटर की दूरी पर 'रांची हिल' पर शिवजी के पैरों के निशान हैं। इस स्थान को 'पहाड़ी बाबा मंदिर' कहा जाता है।*🔱17. शिव के अवतार : -* वीरभद्र, पिप्पलाद, नंदी, भैरव, महेश, अश्वत्थामा, शरभावतार, गृहपति, दुर्वासा, हनुमान, वृषभ, यतिनाथ, कृष्णदर्शन, अवधूत, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, किरात, सुनटनर्तक, ब्रह्मचारी, यक्ष, वैश्यानाथ, द्विजेश्वर, हंसरूप, द्विज, नतेश्वर आदि हुए हैं। वेदों में रुद्रों का जिक्र है। रुद्र 11 बताए जाते हैं- कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, आपिर्बुध्य, शंभू, चण्ड तथा भव।*🔱18. शिव का विरोधाभासिक परिवार : -* शिवपुत्र कार्तिकेय का वाहन मयूर है, जबकि शिव के गले में वासुकि नाग है। स्वभाव से मयूर और नाग आपस में दुश्मन हैं। इधर गणपति का वाहन चूहा है, जबकि सांप मूषकभक्षी जीव है। पार्वती का वाहन शेर है, लेकिन शिवजी का वाहन तो नंदी बैल है। इस विरोधाभास या वैचारिक भिन्नता के बावजूद परिवार में एकता है।*🔱19.* ति‍ब्बत स्थित कैलाश पर्वत पर उनका निवास है। जहां पर शिव विराजमान हैं उस पर्वत के ठीक नीचे पाताल लोक है जो भगवान विष्णु का स्थान है। शिव के आसन के ऊपर वायुमंडल के पार क्रमश: स्वर्ग लोक और फिर ब्रह्माजी का स्थान है।*🔱20.शिव भक्त : -* ब्रह्मा, विष्णु और सभी देवी-देवताओं सहित भगवान राम और कृष्ण भी शिव भक्त है। हरिवंश पुराण के अनुसार, कैलास पर्वत पर कृष्ण ने शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। भगवान राम ने रामेश्वरम में शिवलिंग स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना की थी।*🔱21.शिव ध्यान : -* शिव की भक्ति हेतु शिव का ध्यान-पूजन किया जाता है। शिवलिंग को बिल्वपत्र चढ़ाकर शिवलिंग के समीप मंत्र जाप या ध्यान करने से मोक्ष का मार्ग पुष्ट होता है।*🔱22.शिव मंत्र : -* दो ही शिव के मंत्र हैं पहला- ॐ नम: शिवाय। दूसरा महामृत्युंजय मंत्र- ॐ ह्रौं जू सः। ॐ भूः भुवः स्वः। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌। स्वः भुवः भूः ॐ। सः जू ह्रौं ॐ ॥ है।*🔱23.शिव व्रत और त्योहार : -* सोमवार, प्रदोष और श्रावण मास में शिव व्रत रखे जाते हैं। शिवरात्रि और महाशिवरात्रि शिव का प्रमुख पर्व त्योहार है।*🔱24.शिव प्रचारक : -* भगवान शंकर की परंपरा को उनके शिष्यों बृहस्पति, विशालाक्ष (शिव), शुक्र, सहस्राक्ष, महेन्द्र, प्राचेतस मनु, भरद्वाज, अगस्त्य मुनि, गौरशिरस मुनि, नंदी, कार्तिकेय, भैरवनाथ आदि ने आगे बढ़ाया। इसके अलावा वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, बाण, रावण, जय और विजय ने भी शैवपंथ का प्रचार किया। इस परंपरा में सबसे बड़ा नाम आदिगुरु भगवान दत्तात्रेय का आता है। दत्तात्रेय के बाद आदि शंकराचार्य, मत्स्येन्द्रनाथ और गुरु गुरुगोरखनाथ का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।*🔱25.शिव महिमा : -* शिव ने कालकूट नामक विष पिया था जो अमृत मंथन के दौरान निकला था। शिव ने भस्मासुर जैसे कई असुरों को वरदान दिया था। शिव ने कामदेव को भस्म कर दिया था। शिव ने गणेश और राजा दक्ष के सिर को जोड़ दिया था। ब्रह्मा द्वारा छल किए जाने पर शिव ने ब्रह्मा का पांचवां सिर काट दिया था।*🔱26.शैव परम्परा : -* दसनामी, शाक्त, सिद्ध, दिगंबर, नाथ, लिंगायत, तमिल शैव, कालमुख शैव, कश्मीरी शैव, वीरशैव, नाग, लकुलीश, पाशुपत, कापालिक, कालदमन और महेश्वर सभी शैव परंपरा से हैं। चंद्रवंशी, सूर्यवंशी, अग्निवंशी और नागवंशी भी शिव की परंपरा से ही माने जाते हैं। भारत की असुर, रक्ष और आदिवासी जाति के आराध्य देव शिव ही हैं। शैव धर्म भारत के आदिवासियों का धर्म है।*🔱27.शिव के प्रमुख नाम : -* शिव के वैसे तो अनेक नाम हैं जिनमें 108 नामों का उल्लेख पुराणों में मिलता है लेकिन यहां प्रचलित नाम जानें- महेश, नीलकंठ, महादेव, महाकाल, शंकर, पशुपतिनाथ, गंगाधर, नटराज, त्रिनेत्र, भोलेनाथ, आदिदेव, आदिनाथ, त्रियंबक, त्रिलोकेश, जटाशंकर, जगदीश, प्रलयंकर, विश्वनाथ, विश्वेश्वर, हर, शिवशंभु, भूतनाथ और रुद्र।*🔱28.अमरनाथ के अमृत वचन : -* शिव ने अपनी अर्धांगिनी पार्वती को मोक्ष हेतु अमरनाथ की गुफा में जो ज्ञान दिया उस ज्ञान की आज अनेकानेक शाखाएं हो चली हैं। वह ज्ञानयोग और तंत्र के मूल सूत्रों में शामिल है। 'विज्ञान भैरव तंत्र' एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें भगवान शिव द्वारा पार्वती को बताए गए 112 ध्यान सूत्रों का संकलन है।*🔱29.शिव ग्रंथ : -* वेद और उपनिषद सहित विज्ञान भैरव तंत्र, शिव पुराण और शिव संहिता में शिव की संपूर्ण शिक्षा और दीक्षा समाई हुई है। तंत्र के अनेक ग्रंथों में उनकी शिक्षा का विस्तार हुआ है।*🔱30.शिवलिंग : -* वायु पुराण के अनुसार प्रलयकाल में समस्त सृष्टि जिसमें लीन हो जाती है और पुन: सृष्टिकाल में जिससे प्रकट होती है, उसे लिंग कहते हैं। इस प्रकार विश्व की संपूर्ण ऊर्जा ही लिंग की प्रतीक है। वस्तुत: यह संपूर्ण सृष्टि बिंदु-नाद स्वरूप है। बिंदु शक्ति है और नाद शिव। बिंदु अर्थात ऊर्जा और नाद अर्थात ध्वनि। यही दो संपूर्ण ब्रह्मांड का आधार है। इसी कारण प्रतीक स्वरूप शिवलिंग की पूजा-अर्चना है।*🔱31.बारह ज्योतिर्लिंग : -* सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ॐकारेश्वर, वैद्यनाथ, भीमशंकर, रामेश्वर, नागेश्वर, विश्वनाथजी, त्र्यम्बकेश्वर, केदारनाथ, घृष्णेश्वर। ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति के संबंध में अनेकों मान्यताएं प्रचलित है। ज्योतिर्लिंग यानी 'व्यापक ब्रह्मात्मलिंग' जिसका अर्थ है 'व्यापक प्रकाश'। जो शिवलिंग के बारह खंड हैं। शिवपुराण के अनुसार ब्रह्म, माया, जीव, मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार, आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी को ज्योतिर्लिंग या ज्योति पिंड कहा गया है। दूसरी मान्यता अनुसार शिव पुराण के अनुसार प्राचीनकाल में आकाश से ज्‍योति पिंड पृथ्‍वी पर गिरे और उनसे थोड़ी देर के लिए प्रकाश फैल गया। इस तरह के अनेकों उल्का पिंड आकाश से धरती पर गिरे थे। भारत में गिरे अनेकों पिंडों में से प्रमुख बारह पिंड को ही ज्‍योतिर्लिंग में शामिल किया गया।*🔱32.शिव का दर्शन : -* शिव के जीवन और दर्शन को जो लोग यथार्थ दृष्टि से देखते हैं वे सही बुद्धि वाले और यथार्थ को पकड़ने वाले शिवभक्त हैं, क्योंकि शिव का दर्शन कहता है कि यथार्थ में जियो, वर्तमान में जियो, अपनी चित्तवृत्तियों से लड़ो मत, उन्हें अजनबी बनकर देखो और कल्पना का भी यथार्थ के लिए उपयोग करो। आइंस्टीन से पूर्व शिव ने ही कहा था कि कल्पना ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है।*🔱33.शिव और शंकर : -* शिव का नाम शंकर के साथ जोड़ा जाता है। लोग कहते हैं- शिव, शंकर, भोलेनाथ। इस तरह अनजाने ही कई लोग शिव और शंकर को एक ही सत्ता के दो नाम बताते हैं। असल में, दोनों की प्रतिमाएं अलग-अलग आकृति की हैं। शंकर को हमेशा तपस्वी रूप में दिखाया जाता है। कई जगह तो शंकर को शिवलिंग का ध्यान करते हुए दिखाया गया है। अत: शिव और शंकर दो अलग अलग सत्ताएं है। हालांकि शंकर को भी शिवरूप माना गया है। माना जाता है कि महेष (नंदी) और महाकाल भगवान शंकर के द्वारपाल हैं। रुद्र देवता शंकर की पंचायत के सदस्य हैं।*🔱34. देवों के देव महादेव 😘 देवताओं की दैत्यों से प्रतिस्पर्धा चलती रहती थी। ऐसे में जब भी देवताओं पर घोर संकट आता था तो वे सभी देवाधिदेव महादेव के पास जाते थे। दैत्यों, राक्षसों सहित देवताओं ने भी शिव को कई बार चुनौती दी, लेकिन वे सभी परास्त होकर शिव के समक्ष झुक गए इसीलिए शिव हैं देवों के देव महादेव। वे दैत्यों, दानवों और भूतों के भी प्रिय भगवान हैं। वे राम को भी वरदान देते हैं और रावण को भी।*🔱35. शिव हर काल में : -* भगवान शिव ने हर काल में लोगों को दर्शन दिए हैं। राम के समय भी शिव थे। महाभारत काल में भी शिव थे और विक्रमादित्य के काल में भी शिव के दर्शन होने का उल्लेख मिलता है। भविष्य पुराण अनुसार राजा हर्षवर्धन को भी भगवान शिव ने दर्शन दिये थे।।-साभार

Deutsche Google Übersetzung

Wichtige Bücher der Antike
1-Ashtadhyayi Panini
2-Ramayana Valmiki
3-Mahabharata Ved Vyas
4-Wirtschaft Chanakya
5-Mahabhashya Patanjali
6-Satsahsarika Sutra Nagarjuna
7 - Buddhistischer Ashwagosh
8-Saundaranand Ashwaghosh
9- Mahavibhashtra Vasumitra
10- Traumtraum
11-Kamasutra Vatsyayan
12-Kumarasambhavam Kalidas
13- Abhigyanashkuntalam Kalidas
14-Vikramourvashian Kalidas
15-Meghdoot Kalidas
16-Raghuvansham Kalidas
17-Malavikagnimitram Kalidas
18-Natyashastra Bharathamuni
19-Devichandraguptam Visakhadatta
20-Mrithakkatikam Shudraka
21-Surya Siddhanta Aryabhata
22-Vrhatasinta Baramhir
23-Panchatantra. Vishnu Sharma
24-Kathasaritsagar Somdev
25-Abhidhammakosh Vasubandhu
26-Mudrarakshas Visakhadatta
27-Ravanavadh. Bhatit
28-kostenpflichtige Gebühr
29-Dasakumarcharitam Dandi
30-freudiges Vannabhatta
31-Kadambari Vannabhatta
Kickback-chelenham-32
33-Naganand Harshavdhan
34-Ratnavali Harshvardhan
35-Priyadarshika Harshvardhan
36-Maltimadhav Bhavabhuti
37-Prithviraj Vijay Jayanak
38-Karpoormanjari Rajasekhar
39-Poesie Poesie Rajasekhar
Kickback-chelenham-40
Kickback-chelenham-41
42-Vrikshakathamanjri Kshendra
43-Nishadcharitam Sriharsha
44-Vikramankedhamed Bilhan
45-Kumarapalcharit Hemchandra
46-Geet Govind Jaydev
47-Prithviraj Rajo Chandrawardai
48-Rajatarangini Kalhan
49-Rasmala Someshwar
50-Shishupala Slaughter Magh
Kickback-chelenham-51
52-Ramcharit Sandhyakaranandi
Kickback-chelenham-53
Veden: -
Q.1- Wer heißt Veden?
Antwort - Das Buch des göttlichen Wissens heißt Veda.
Frage 2: Wer hat das Wissen über Veden vermittelt?
Antwort - Gott gab.
Q.3- Wann hat Gott Veda-Gyan gegeben?
Antwort - Gott gab den Veden zu Beginn der Schöpfung Wissen.
Q.4- Warum gab Gott Veda Wissen?
Antwort: Nur zum Wohl der Menschen.
Q.5- Wie viel kosten Veden?
Antwort - Vier.
1-Rigveda
2-Yajurveda
3-Samved
4-Atharvaveda
Q.6 - Brahmanen der Veden.
Veda Brahmane
1 - Rigveda - Aitareya
2 - Yajurveda - Shatapatha
3 - Samaveda - Tandya
4 - Atharvaveda - Gopath
Q.7- Wie viel kosten die Veden der Veden?
Antwort - Vier.
Veda Upveda
1- Rigveda - Ayurveda
2- Yajurveda - Dhanurveda
3-Samaveda - Gandharvaveda
4- Atharvaveda - Erd-Veda
F8- Es gibt Teile von Veden.
Antwort - Sechs.
1 - Bildung
2 - Äon
3 - Veraltet
4 - Grammatik
5 - Strophe
6 - Astrologie
Frage 9: Welche Weisen hat Gott über Veden informiert?
Antwort: Vier Weise.
Salbei Veda
1- Rigveda - Agni
2 - Yajurveda - Luft
3 - Samaveda - Aditya
4 - Atharvaveda - Angira
Frage 10: Wie hat Gott den Weisen die Kenntnis der Veden gegeben?
Antwort - Im Zustand von Samadhi.
Frage 11: Wie ist Wissen in Veden?
Antwort - Kenntnis aller wahren Disziplinen.
Q.12. Was sind die Themen von Vedo?
Antwort - Vier.
Salbei Thema
1- Rigveda - Wissen
2- Yajurveda - Karma
3- Samva - Anbetung
4- Atharvaveda - Wissenschaft
Q.13 - In den Veden.
Im Rigveda.
1- Mandal - 10
2 - Oktave - 08
3 - Sukta - 1028
4 - Anuvak - 85
5 - Herzen - 10589
Im Yajurveda.
1- Kapitel - 40
2- Mantra - 1975
Im Samaveda.
1- Archik - 06
2 - Kapitel - 06
3-Archha - 1875
Im Atharvaveda.
1- Skandal - 20
2- Sukt - 731
3 - Mantra - 5977
Frage 14: Wer hat das Recht, Veden zu lesen? Antwort: Nur Menschen haben das Recht, die Veden zu lesen.
Q.15- Enthalten die Veden das Gesetz des Götzendienstes?
Antwort: Überhaupt nicht.
Frage 16: Gibt es Hinweise auf Avatarismus in den Veden?
nicht antworten.
Frage 17: Welches ist der größte Veda?
Antwort: Rigveda.
F18- Wann sind die Veden entstanden?
Antwort - Vedo entstand am Anfang des Universums von Gott. Das heißt, 1 Milliarde 96 Millionen 8 Lakh vor 43.000 Jahren.
Q.19- Wie viele sind die philosophischen Philosophien (Upang) der Veden und wie heißen ihre Autoren?
Antworten-
1- Gerechtigkeit Darshan - Gautam Muni.
2- Vaishika Darshan - Kanad Muni.
3- Yogadarshan - Patanjali Muni.
4- Philosophie von Darshan - Jaimini Muni.
5- Sankhya Darshan - Kapil Muni.
6- Vedanta Darshan - Vyasa Muni.
Q.20- Was ist das Thema der heiligen Schriften?
Antwort - Geist, Gott, Natur, der Ursprung der Welt, Befreiung, d. H. Alle Arten von physischem und spirituellem Wissen usw.
Q.21 - Wie viel kostet authentische Upanishade?
Antwort: Nur elf.
Frage 22: Nennen Sie die Upanishaden?
Antworten-
01-Ish (Ishavasya)
02-Can
03-Kath
04-Frage
05-Mundak
06-Mandu
Kickback-chelenham-07
Kickback-chelenham-08
09-Pseudogonie
10-Makroökonomisch
11-Shvetashvatar.
Q.23- Woher kamen die Upanishaden?

 

Bist du gegangen?
Antwort - Aus den Veden.
Q.24- Vier Zeichen.
Antworten-
1- Brahmane
2- Kshatriya
3- Vaishya
4- Shudra
Q.25 - Vier Yugas.
1- Satyuga - Es ist nach 17.28000 Jahren (Satyuga) benannt.
2- Tretayug - benannt 12.96000 Jahre (Tretayug).
3- Dwaparyuga - ist der Name für 8,64000 Jahre.
4- Kali Yuga - ist der Name von 4.32000 Jahren.
Kali Yuga hat bis heute 4.976 Jahre genossen.
Es soll ein Genuss von 4.27024 Jahren sein.
Panch Mahayagya
1- Brahm Yajna
2- Devyagya
3-Vater
4- Balivaishdev Yagya
5- Gast
Himmel - wo Glück ist.
Hölle - Wo Trauer ist.
* # "35" Geheimnisse von God_Shiv !!!!!!!!
Lord Shiva, dh Parvatis Ehemann Shankar, der Mahadev, Bholenath, Adinath usw. heißt.
* .1. Adinath Shiva: - * Zuerst versuchte Shiva, das Leben auf der Erde zu verbreiten, daher wird er auch 'Adidev' genannt. Die Bedeutung von 'Adi' beginnt. Als Adinath hat er auch den Namen "Adish".
* .2. Waffen von Shiva: - * Shivas Bogen ist Pinaka, Chakra Bhaverendu und Sudarshan, Astra Pashupatastra und Shastra Trishul. Er hat all das oben Genannte geschaffen.
* 🔱3. Lord Shivas Schlange: - * Die Schlange, die um Shivas Namen gewickelt ist, ist Vasuki. Vasukis älterer Bruder heißt Sheshnag.
* 🔱4. Shivas Ardhangini: - * Shivas erste Frau Sati wurde im nächsten Leben als Parvati geboren und heißt Uma, Urmi, Kali.
* .5. Söhne von Shiva: - * Shiva wird von 6 Söhnen geleitet - Ganesh, Kartikeya, Sukesh, Jalandhar, Ayyappa und Bhuma. Die Geschichte von der Geburt aller ist interessant.
* .6. Schüler von Shiva: - * Es gibt 7 Schüler von Shiva, die als die frühen Saptarshi angesehen wurden. Diese Weisen verbreiteten das Wissen über Shiva auf der ganzen Erde, wodurch verschiedene Religionen und Kulturen entstanden. Shiva begann die Guru- und Schülertradition. Shiva hat Schüler - Brihaspati, Vishalaksha, Venus, Sahasraksha, Mahendra, Prachetas Manu, Bharadwaja, neben dem 8. Gaurashiras Muni.
* .7. Shivas Ganes: * Unter den Shivas Ganas befinden sich Bhairava, Veerabhadra, Manibhadra, Chandis, Nandi, Shringi, Bhrigirity, Shail, Gokarna, Ghantakarna, Jai und Vijay. Abgesehen davon, Vampire, Dämonen und Schlangenschlangen, gelten Tiere auch als Ganesha von Shiva.
* .8. Shiva Panchayat: - * Lord Surya, Ganapati, Devi, Rudra und Vishnu werden Shiva Panchayats genannt.
* .9. Shivas Torhüter: - * Nandi, Skanda, Riti, Stier, Bhringi, Ganesh, Uma-Maheshwar und Mahakal.
* 🔱10. Shiva-Ratsmitglied: - So wie Jai und Vijay die Ratsmitglieder von Vishnu sind, sind auch Bana, Ravana, Chand, Nandi, Bhringi usw. die Ratsmitglieder von Shiva.
* 🔱11. Shiva, das Zentrum aller Religionen: - * Die Kostüme von Shiva sind so, dass Menschen jeder Religion ihre Symbole in ihnen finden können. In den Religionen Mushrik, Yazidi, Sabian, Subi und Ibrahimi ist der Eindruck von Shivas Anwesenheit deutlich zu erkennen. Eine Tradition begann bei den Schülern von Shiva, die später in die Sekten Shaiva, Siddha, Nath, Digambara und Sufi unterteilt wurden.
* .12. Durchdringende Internationale der buddhistischen Literatur: - * Ein bedeutender Gelehrter, Professor, Anbeter, glaubt, dass Shankar als Buddha geboren wurde. In Bezug auf die 27 in den Pali-Texten erwähnten Buddhas sagte er, dass unter ihnen die drei Namen Buddhas sehr alt sind - Tanankar, Shankar und Meghankar.
* 🔱13. Lieber Shiva, sowohl Devta als auch Asura: - * Lord Shiva wird von den Devas zusammen mit den Asuras, Dämonen, Dämonen, Vampiren, Gandharvas, Yakshas usw. verehrt. Er gibt Ravana und Rama Segen. Er hatte vielen Dämonen wie Bhasmasura, Shukracharya usw. Segen gegeben. Shiva ist die höchste Gottheit aller Stämme, Waldbewohner, Kasten, Religionen und Gesellschaften.
* 🔱14. Shiva-Symbol: - * Das Zeichen, das alle gewöhnlichen Menschen von den Waldbewohnern verehren können, die Latte, Batya dieses Steins, wird als Zeichen von Shiva angesehen. Abgesehen davon gelten Rudraksh und Trishul auch als Zeichen von Shiva. Einige Leute betrachten Damru und Ardh Chandra auch als das Zeichen von Shiva, obwohl die meisten Leute Shivalinga verehren, d. H. Das Licht von Shiva.
* ~ 15. Shivas Höhle: - * Shiva baute mit seinem Dreizack eine Höhle auf einem Hügel, um Bhasmasura zu entkommen, und sie versteckten sich erneut in derselben Höhle. Die Höhle liegt auf den Hügeln von Trikuta, 150 km von Jammu entfernt. Andererseits ist die Höhle, in der Lord Shiva Parvati Nektarwissen gab, als "Amarnath-Höhle" bekannt.
* 🔱16. Shivas Fußabdrücke: - * Shripada - Shreepada hat Fußspuren im Tempel namens Shreepad, der sich auf der Spitze des Berges Ratan Island in Sri Lanka befindet. Diese Fußabdrücke sind 5 Fuß 7 Zoll lang und 2 Fuß 6 Zoll breit. Dieser Ort heißt Sivanolipadam. Einige Leute nennen es Adam's Peak.
Rudra Padas - Der Tempel von Srisvedaranyeswarar in Thiruvengadu im Bezirk Nagapattinam in Tamil Nadu hat Shivas Fußabdruck, der als "Rudra Padam" bekannt ist. Abgesehen davon gibt es an einem Ort in Thiruvannamalai einen Fußabdruck von Shiva.
Tezpur - Shivas rechter Fußabdruck befindet sich im Rudrapad-Tempel in der Nähe des Brahmaputra-Flusses in Tezpur, Assam.
Jageshwar-Shivas Fußabdruck befindet sich in der Nähe des Tempels von Bhima im Wald, etwa viereinhalb Kilometer vom Hügel des Jageshwar-Tempels und 36 km von Almora in Uttarakhand entfernt. Um Darshan der Pandavas zu vermeiden, setzte er einen Fuß hier und den anderen in Kailash.
Ranchi-Shivaji hat Fußspuren auf dem Ranchi-Hügel, 7 Kilometer vom Ranchi-Bahnhof in Jharkhand entfernt. Dieser Ort heißt "Pahadi Baba Tempel".
* 🔱17. Avatar von Shiva: - * Veerabhadra, Pippalad, Nandi, Bhairava, Mahesh, Ashwatthama, Sharabhavatara, Grihapati, Durvasa, Hanuman, Stier, Yatinath, Krishnadarshana, Avadhoota, Bhikshuvarya, Sureshwar, Kirat, Sunnatar

Chari, Yaksha, Vaishyanath, Dwijeshwar, Hansarup, Dwij, Nateshwar usw. haben stattgefunden. Die Veden erwähnen Rudras. Rudra 11 wird erzählt - Kapali, Pingal, Bhima, Virupaksha, Vilhoit, Shasta, Ajapada, Aapirbudhya, Shambhu, Chand und Bhava.
* 🔱18. Shivas paradoxe Familie: - * Shivaputra Karthikeyas Fahrzeug ist Mayur, während Shiva Vasuki Nag im Nacken hat. Von Natur aus sind Mayur und Nag Feinde untereinander. Hier ist Ganpatis Fahrzeug eine Ratte, während die Schlange ein Nagetier ist. Parvatis Fahrzeug ist ein Löwe, aber Shivjis Fahrzeug ist ein Nandi-Bulle. Trotz dieses Widerspruchs oder ideologischen Unterschieds besteht Einheit in der Familie.
* 🔱19. * Er ist auf dem Berg Kailash in Tibet bewohnt. Direkt unterhalb des Berges, auf dem Shiva sitzt, befindet sich der Hades, der Ort von Lord Vishnu. Über der Atmosphäre über Shivas Sitz befindet sich der Ort des Himmels und dann Brahmaji.
* .20.Shiv Bhakta: - * Lord Rama und Krishna sind auch Shiva-Anhänger, einschließlich Brahma, Vishnu und aller Gottheiten. Laut Harivamsa Purana hat Krishna auf dem Berg Kailas Buße getan, um Shiva zu gefallen. Lord Rama verehrte ihn, indem er in Rameswaram eine Shivalinga errichtete.
* 1.21. Shiv Meditation: - * Shiva wird für die Hingabe an Shiva verehrt. Indem dem Shivling Bilvapatra angeboten, in der Nähe des Shivling gesungen oder meditiert wird, wird der Weg der Erlösung bestätigt.
* .22.Shiva Mantra: - * Es gibt nur zwei Shiva Mantras. Erstens - Om Namah Shivaya. Das zweite Mahamrityunjaya-Mantra - Hr ॐ n ju ​​s ः. ॐ landen ॐ Trimbakan Yajamahe Sundhin Vindhyavardhanam. Urvarukamiv Bandhanamantriksamal Ehe. Selbsterde Sas Joo Hraun ist.
* व 23. Shiva Vrat und Festivals: - * Shiva Vrat wird montags, Pradosh und Shravan Monat gehalten. Shivaratri und Mahashivratri sind das Hauptfest von Shiva.
* Shiva-Prediger: - * Die Tradition von Lord Shankar wurde von seinen Schülern Brihaspati, Vishalaksha (Shiva), Venus, Sahasraksha, Mahendra, Prachetas Manu, Bharadwaja, Agastya Muni, Gaurashiras Muni, Nandi, Karthikeya, Bhairavnath usw. fortgesetzt. Abgesehen davon propagierten Veerabhadra, Manibhadra, Chandis, Nandi, Shringi, Bhrigirity, Shail, Gokarna, Ghantakarna, Baan, Ravana, Jai und Vijay auch den Shaivismus. Der größte Name in dieser Tradition stammt von Adiguru Lord Dattatreya. Nach Dattatreya sind die Namen von Adi Shankara, Matsyendranath und Guru Guru Gorkhanath prominent vertreten.
* .25. Shiv Ruhm: - * Shiva trank ein Gift namens Kalkut, das während des Aufwirbelns von Nektar freigesetzt wurde. Shiva gab vielen Dämonen wie Bhasmasura Segen. Shiva hatte Kamdev verzehrt. Shiva vereinte den Kopf von Ganesha und König Daksha. Shiva schnitt Brahma den fünften Kopf ab, als er von Brahma ausgetrickst wurde.
* 🔱26. Shaivite Tradition: - * Dasnami, Shakta, Siddha, Digambara, Nath, Lingayat, Tamil Shaiva, Kalmukh Shaiva, Kashmiri Shaiva, Veerashaiva, Naga, Lakulish, Pashupat, Kapalik, Kaladaman und Maheshwar stammen alle aus der Shaiva-Tradition. Chandravanshi, Suryavanshi, Agnivanshi und Nagvanshi werden auch von der Tradition von Shiva berücksichtigt. Shiva ist der entzückende Gott der Asura, Raksha und Stammeskaste Indiens. Der Shaivismus ist die Religion der indischen Stämme.
* .27. Hauptnamen von Shiva: - Es gibt viele Namen von Shiva, in denen 108 Namen in den Puranas erwähnt werden, aber die Spitznamen hier kennen - Mahesh, Neelkanth, Mahadev, Mahakal, Shankar, Pashupatinath, Gangadhar, Natraj, Trinetra, Bholenath, Adidev, Adinath, Trimbak, Trilokesh, Jatashankar, Jagdish, Pralayankar, Vishwanath, Vishweshwar, Hara, Shivshambhu, Bhootnath und Rudra.
* 🔱28. Amritnath von Amarnath: - * Es gibt viele Wissenszweige, die Shiva seiner Göttin Parvati in der Höhle von Amarnath zur Errettung gegeben hat. Er ist an den Grundformeln von Gyan Yoga und Tantra beteiligt. 'Vigyan Bhairava Tantra' ist ein solches Buch, das eine Zusammenstellung von 112 Meditationsformeln enthält, die Lord Shiva Parvati erzählt hat.
* िव 29. Shiva Granth: - * Vigas und Upanishaden, einschließlich Vigyan Bhairava Tantra, Shiva Purana und Shiva Samhita, umfassen die vollständige Erziehung und Einweihung von Shiva. Seine Lehren haben sich in vielen Texten des Tantra erweitert.
30. Shivalinga: - Nach Vayu Purana wird jede Schöpfung, in der sie vom Holocaust absorbiert wird und die in der Neuschöpfung erscheint, Linga genannt. Auf diese Weise ist die gesamte Energie der Welt das Symbol des Geschlechts. Tatsächlich ist diese gesamte Schöpfung die punktklingende Form. Der Punkt ist Shakti und Nad Shiva. Punkt bedeutet Energie und Ton bedeutet Ton. Dies ist die Basis des gesamten Universums. Aus diesem Grund ist die Verehrung von Shivling ein Symbol.
* 431. Barah Jyotirlinga: - * Somnath, Mallikarjuna, Mahakaleshwar, Omkareshwar, Vaidyanath, Bhimashankar, Rameshwar, Nageshwar, Vishwanathji, Trimbakeshwar, Kedarnath, Ghushneshwar. Es gibt viele Überzeugungen bezüglich des Ursprungs von Jyotirlinga. Jyotirlinga bedeutet "breites Brahmatling", was "breites Licht" bedeutet. Welches sind die zwölf Abschnitte von Shivalinga. Nach Shivpuran werden Brahma, Maya, Jiva, Geist, Intellekt, Geist, Ego, Himmel, Luft, Feuer, Wasser und Erde Jyotirlinga oder Jyoti Pind genannt.
Nach dem zweiten Glauben, nach Shiva Purana, fiel Jyoti Pind in der Antike vom Himmel und Licht breitete sich für eine Weile von ihnen aus. Viele solcher Meteorkörper fielen vom Himmel auf die Erde. Von den vielen Leichen, die in Indien gefallen sind, wurden die zwölf Hauptkörper in die Jyotirlinga aufgenommen.
* 🔱32. Philosophie von Shiv: - * Diejenigen, die das Leben und die Philosophie von Shiva mit einer echten Vision sehen, sind Shiva-Anhänger mit dem richtigen Intellekt und erfassen die Realität, weil die Philosophie von Shiva sagt, in der Realität leben, in der Gegenwart leben, tun Kämpfe nicht mit deinem Verstand, sondern betrachte sie als Fremde

Und nutzen Sie auch die Vorstellungskraft für die Realität. Vor Einstein hatte Shiva gesagt, dass Vorstellungskraft wichtiger ist als Wissen.
* 🔱33. Shiv und Shankar: - * Der Name Shiva ist mit Shankar verbunden. Die Leute sagen - Shiva, Shankar, Bholenath. Auf diese Weise nennen viele Menschen versehentlich Shiva und Shankar zwei Namen derselben Macht. Tatsächlich haben die Statuen der beiden unterschiedliche Formen. Shankar wird immer als Asket dargestellt. An vielen Orten wird Shankar gezeigt, wie er über Shivalinga meditiert. Daher sind Shiva und Shankar zwei verschiedene Einheiten. Shankar wird jedoch auch als Form betrachtet. Es wird angenommen, dass Mahesh (Nandi) und Mahakal die Torhüter von Lord Shankar sind. Rudra ist ein Mitglied des Panchayat der Gottheit Shankar.
* 🔱34. Mahadev, der Gott der Götter, konkurrierte mit den Dämonen der Götter. In einer solchen Situation gingen die Götter immer nach Devadhidev Mahadev, wenn sie in großer Not waren. Götter, einschließlich Dämonen, Dämonen, forderten Shiva auch viele Male heraus, aber sie alle erlagen und verneigten sich vor Shiva, deshalb ist Shiva Mahadev, der Gott der Götter. Er ist auch der geliebte Gott der Dämonen, Dämonen und Geister. Er gibt sowohl Rama als auch Ravana Segen.
* 🔱35. Shiva in jeder Ära: - * Lord Shiva hat Menschen in jeder Ära Darshan gegeben. Shiva war auch während der Zeit von Rama dort. Es gab Shiva sogar in der Mahabharata-Zeit und es gibt eine Erwähnung von Shivas Vision auch in Vikramadityas Zeit. Nach Angaben des Bhavishya Purana erschien Lord Shiva auch König Harshavardhana.